Electrol Bond: देश की सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही मे मोदी सरकार की एक योजना को असंवेधानिक घोषित कर दिया है, इस योजना को देश की मोदी सरकार के द्वारा साल 2018 मे शुरू किया गया है। इस योजना को खास कर के देश की राजनीतिक पार्टियों के लिए शुरू किया गया था जिसके तहत देश की कोई भी राजनैतिक पार्टी बिना अपने नाम को उजागर किए पार्टी फ़ंड हेतु डोनेशन का पैसा ले सकती है।
मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गयी इस योजना को एलेक्टरोल बॉन्ड नाम दिया गया था। यह योजना वैसे तो सही थी लेकिन कुछ मामलो मे इस योजना को गलत भी साबित किया गया और इसका विरोध भी किया गया था। इसके बाद मे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया और अभी हाल ही मे 15 फरवरी 2024 के दिन इस योजना को बंद कर दिया गया था। इस लेख मे हम आपको Electrol Bond के बारे मे सभी प्रकार की जानकारी प्रदान करने वाले है। तो चलिये हमारे इस लेख मे आगे बढ़ते है :-
Electrol Bond kya Hai एलेक्टरोल बॉन्ड क्या है।
एलेक्टरोल बॉन्ड एक ऐसी स्कीम थी जिसके तहत सरकार के द्वारा पार्टियो को डोनेशन प्राप्त करने के लिए नगद की बजाय बॉन्ड का ऑप्शन प्रदान किया गया। इस योजना के ऊपर मोदी सरकार का कहना था की इससे देश की पार्टियों को जो भी रकम प्रदान की जाएगी वो सारी बेंकों से होकर आएगी जिससे देश मे काले धन मे भी कम आएगी। लेकिन इस योजना की एक खास बात यह भी थी की इस योजना के तहत जिस भी पार्टी को पैसा मिल रहा है उसकी जानकारी को गुप्त रखा जाएगा। काफी सारे लोग सरकार इस योजना के इस नियम के विरोध मे थे जिसके चलते जल्द ही इस योजना पर रोक लग गयी।
Electrol Bond कब लागू हुआ
जिन भी लोगो को एलेक्टरोल बॉन्ड के बारे मे जानकारी नहीं है उन सभी को हम बता दे कि एलेक्टरोल बॉन्ड को सरकार साल 2017 मे लेकर आई थी, जिस समय इसे देश मे लॉन्च किया गया उस समय देश मे वित्त मंत्री अरुण जेटली थे। सरकार के द्वारा लागू किए जाने वाले इस एलेक्टरोल बॉन्ड का काफी ज्यादा विरोध भी किया गया लेकिन इतने विरोध के बाद भी इसे 2 जनवरी 2018 को लागू कर दिया गया।
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Electrol Bond के जरिये पार्टियों को कैसे पैसा मिलता है ?
इस बॉन्ड के तहत पार्टियो को पैसा लेने के लिए नगद राशि प्रदान नहीं की जाती है, इस योजना के तहत नगद राशि की जगह पार्टी को एक निश्चित बॉन्ड प्रदान किया जाता है। जो भी पार्टी इस बॉन्ड से पैसा लेना चाहती है उसे सबसे पहले एसबीआई की ब्रांच मे जाना होता है, इसके बाद मे अपनी रकम के बारे मे बेंक को जानकारी देनी होती है। इसके बाद मे बेंक के द्वारा आपकी उस निश्चित रकम के लिए बॉन्ड जारी किया जाता है।
बेंक के द्वारा जारी किए गए इस बॉन्ड को आपको अपनी उस पार्टी को देना होता है जिससे आप डोनाशन का पैसा लेना चाहते है। बॉन्ड पार्टी को जमा करवाने के बाद मे आपको 15 दिनो के अंतर्गत पार्टी के द्वारा डोनेशन की राशि प्रदान कर दी जाती है।
Electrol Bond के जरिये कौनसी पार्टियां पैसे ले सकती है?
यदि आप यह सोच रहे है की इस बॉन्ड के तहत देश की हर एक राजनैतिक पार्टी डोनेशन का पैसा ले सकती है तो ऐसा नहीं है। इस योजना के तहत सिर्फ देश की कुछ निश्चित पार्टियों को ही पैसा प्रदान किया जाता है। इस Electrol Bond के तहत उन पार्टियों को शामिल किया जाता है जो की Representation of the People Act, 1951 के Section 29A के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं। इसके साथ ही यदि कोई पार्टी इस सेक्शन के तहत रजिस्टर्ड नहीं भी है लेकिन उसको लोकसभा या राज्यसभा चुनाव के अंतर्गत कम से कम 1 फिसदी वोट मिले हो तो वे भी इस बॉन्ड के जरिये पैसे ले सकते है।
निष्कर्ष
हमारे आज के इस आर्टिकल मे आपको मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गयी “Electrol Bond” योजना के बारे मे जानकारी प्रदान की गयी है। इस आर्टिकल मे आपको इस योजना के शुरू होने से लेकर इस योजना के बंद होने तक की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है। आशा करते है की आपको हमारे द्वारा प्रदान की हुई यह जानकारी बेहद ही पसंद आई होगी। यदि आपकी इस प्रकार की जानकारी पढ़ने मे रुचि है तो हमारी इस वैबसाइट को ध्यान मे रखना ना भूले
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