जानिए आखिर Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai वो भी बहुत ही आसान शब्दों में।

जानिए आखिर Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai वो भी बहुत ही आसान शब्दों में।

1 जुलाई से देशभर में आपराधिक कानूनों में बड़ा बदलाव हो गया है। अब तीन नए कानून लागू हो गए है , जो हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार लाएंगे और ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों की जगह लेंगे।

Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai
Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

ये तीन नए कानून हैं: Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

भारतीय न्याय संहिता,

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

भारतीय साक्ष्य अधिनियम।

नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद कई और महत्वपूर्ण बदलाव भी देखने को मिलेंगे जो न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगे।

एफआईआर और शिकायत प्रणाली में सुधार: Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

नए कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया को बहुत आसान बना दिया गया है। जीरो एफआईआर के प्रावधान से अब आप किसी भी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकते हैं, चाहे अपराध कहीं भी हुआ हो। इससे कानूनी प्रक्रिया में होने वाली देरी कम होगी और पुलिस त्वरित कार्रवाई कर सकेगी। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा भी होगी, जिससे आप घर बैठे ही अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे।

Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai
Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

पुलिस और न्यायालय की पारदर्शिता:Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

पुलिस की सभी कार्रवाइयों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सभी तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी अनिवार्य की गई है। गिरफ्तारी की स्थिति में, आरोपी को अपनी गिरफ्तारी की सूचना अपने परिवार या किसी करीबी को देने का अधिकार होगा। इसके साथ ही, गिरफ्तार व्यक्ति का विवरण पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे परिवार और मित्रों को सूचना आसानी से मिल सके।

Read also  मिलेंगे अब 30 दिन वाला टैरिफ प्लान TRAI

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा:Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। किसी बच्चे को खरीदना और बेचना अब जघन्य अपराध माना जाएगा, और नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म पर मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है। इन मामलों की जांच को प्राथमिकता दी जाएगी और दो महीने के भीतर पूरी की जाएगी। दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा उनके अभिभावक की मौजूदगी में दर्ज किया जाएगा और मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर दी जाएगी।

Ration Card eKYC कराना है, बहुत ज़रूरी। नहीं तो नही मिलेगी Free मे अनाज

न्यायालय में त्वरित सुनवाई:Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

नए कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसले मुकदमा पूरा होने के 45 दिनों के भीतर आएंगे और पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

अदालतें मामले की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से बचने के लिए अधिकतम दो बार मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकेंगी। आरोपी और पीड़ित दोनों को अब प्राथमिकी, पुलिस रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज 14 दिनों के भीतर मिलेंगे।

गवाह सुरक्षा और समावेशिता:Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य किया गया है। इससे गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकेगी। ‘लैंगिकता’ की परिभाषा में ट्रांसजेंडर भी शामिल किए गए हैं, जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलेगा।

अन्य सुधार:Bharat Ka Naya Kanoon Kya Hai

नए कानूनों के तहत, सभी अस्पतालों में महिलाओं और बच्चों को निशुल्क प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले। इसके अलावा, गिरफ्तारी की स्थिति में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है।

Read also  क्या 29 फरवरी को सच में बंद हो जाएगी Paytm । जानिए पेटीएम की शुरू से अभी तक की कहानी।

नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और त्वरित बनाना है, ताकि नागरिकों को बेहतर न्याय और सुरक्षा मिल सके।

अभी करें Atal Pension Yojana के लिए ऑनलाइन अप्लाई, जानें पूरी जानकारी।

नए कानूनों में यह प्रावधान भी है कि गिरफ्तारी की स्थिति में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार होगा।

इसके अलावा गिरफ्तारी की जानकारी अब पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रदर्शित की जाएगी, ताकि गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्र आसानी से सूचना प्राप्त कर सकें। आरोपी और पीड़ित दोनों को प्राथमिकी, पुलिस रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज 14 दिनों के भीतर मिलेंगे। अदालतें मुकदमे में अनावश्यक देरी से बचने के लिए अधिकतम दो बार सुनवाई स्थगित कर सकेंगी.

नए कानूनों के तहत सभी राज्य सरकारों को गवाह सुरक्षा योजना लागू करनी होगी, ताकि गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित हो सके।

‘लैंगिकता’ की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर को भी शामिल किया गया है, जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलेगा। दुष्कर्म के मामलों में पीड़िता का बयान पुलिस ऑडियो-वीडियो माध्यम से दर्ज करेगी। इन प्रावधानों से न्याय प्रणाली अधिक समावेशी, आधुनिक और त्वरित बनेगी।

Leave a Comment