Sonpur Mela: कहां लगता है सोनपुर मेला | सोनपुर मेला कब लगता है|

Sonpur Mela:-सोनपुर मेला जो भारत के बिहार राज्य में स्थित है, एक प्रमुख बौद्ध मेला है जो वार्षिक रूप से होता है। इसे ग्राम सोनपुर में आयोजित किया जाता है और इसे हाथी मेला के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यहां हाथीयों का एक बड़ा प्रदर्शन होता है। इस मेले में लोग विभिन्न प्रकार की वस्त्रों, हस्तशिल्प, और स्थानीय खाद्य सामग्रीयों की खरीदारी करने के लिए आते हैं और इसे एक पारंपरिक भारतीय उत्सव के रूप में माना जाता है।

मेले में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता, और विभिन्न कला-सांस्कृतिक प्रदर्शनियों को प्रमोट करने का उद्देश्य है। यहां पर लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और फिर हरिहरनाथ मंदिर में पूजा करने के लिए जाते हैं। मेले में विभिन्न प्रकार के वाणिज्यिक और शिल्पकला की चीजें बेची जाती हैं और यहां पर विभिन्न खेल और मनोरंजन का आयोजन भी होता है। 

Sonpur Mela की सुरुआत कब हुई थी

सोनपुर मेला की शुरुआत लोककला और वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 1903 में हुई थी। यह वार्षिक मेला हाथीयों के प्रदर्शन के लिए भी मशहूर है और बड़े संख्या में लोग इसे देखने और उपहारों की खरीदारी के लिए आते हैं। 

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Sonpur Mela मेला कब लगता है

सोनपुर मेला वार्षिक रूप से बिहार, भारत में लगता है और इसे कार्तिक मास के कार्तिक पूर्णिमा से लेकर आगामी कार्तिक पूर्णिमा तक आयोजित किया जाता है। 

Sonpur Mela
Sonpur Mela

सोनपुर मेला (Sonpur Mela) में कितने लोग आते है।

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सोनपुर मेला में हर वर्ष लाखों लोग भारत और विभिन्न भागों से आते हैं। यह एक प्रमुख बौद्ध मेला होने के साथ-साथ, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध है, जिससे इसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। 

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सोनपुर मेला (Sonpur Mela) कितना दिन तक रहता है।

सोनपुर मेला कार्तिक मास के कार्तिक पूर्णिमा से लेकर आगामी कार्तिक पूर्णिमा तक आयोजित होता है, जिसका अर्थ है कि यह लगभग 15 दिनों तक चलता है। 

भारत में कई प्रकार के मेले  हैं, जो विभिन्न कारणों से आयोजित किए जाते हैं। यहां पांच प्रमुख मेलों के बारे में जानकारी है: 

  1. कुम्भ मेला: 
  • स्थान: प्रयागराज (इलाहाबाद), हरियाणा, नासिक, और उज्जैन 
  • आयोजन सीमा: 12 वर्षों में एक बार 
  • महत्व: यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण मेला है जहां लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। 
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  1. पुष्कर मेला: 
  • स्थान: पुष्कर, राजस्थान 
  • आयोजन सीमा: कार्तिक मास के पूर्णिमा को 
  • महत्व: यह हिन्दू तीर्थस्थल पुष्कर झील के किनारे होता है और यहां एक विशेष प्रकार की मेला होती है जिसमें लोग तीर्थस्थल के दर्शन करने आते हैं। 
  1. सोनपुर मेला: 
  • स्थान: सोनपुर, बिहार 
  • आयोजन सीमा: कार्तिक मास के कार्तिक पूर्णिमा को 
  • महत्व: यह एक प्रमुख पशु मेला है जिसमें नागरिकों को पशुओं की खरीद-फरोख्त का अवसर मिलता है। 
  1. सुरजकुंड मेला: 
  • स्थान: हरियाणा, भारत 
  • आयोजन सीमा: फरवरी महीने में 
  • महत्व: इस मेले में भारतीय कला, सांस्कृतिक, और लोकपरंपराएं प्रदर्शित होती हैं, और यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कला और सांस्कृतिक महोत्सव है।
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  1. पुरी रथयात्रा: 
  • स्थान: पुरी, ओड़ीशा 
  • आयोजन सीमा: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष को 
  • महत्व: यह हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण मेला है जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुबद्रा की रथयात्रा होती है जो लाखों श्रद्धालुओं द्वारा देखी जाती है। 

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