पूरा परिचय:- लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 के इंदौर में हुआ जो की मध्य प्रदेश में स्थित है और उनका निधन 6 फरवरी 2022 की सुबह 8:12 पर ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल मुंबई में हुआ।
हेमा (लता मंगेशकर) Lata Mangeshkar के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर और उनकी माता का नाम सबित्री मंगेशकर है और इन से चार बहने और एक भाई है बहनो का नाम लता, मीना, आशा, उषा और भाई हृदयनाथ इन सब में बड़ी लता थी। इनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार शास्त्री गायक और थिएटर अभिनेता थे और उनकी मां गुजरात की रहने वाली थी। लता मंगेशकर के पिता दो विवाह किए हुए थे पहली पत्नी का नाम नर्मदा और दसरी पत्नी का नाम सावित्री मंगेशकर था और उनकी पहली पत्नी से एक भी संतान नहीं थी।
हेमा से लता बनने तक का पूरा सफर
लता के जन्म के समय उनका नाम है हेमा रखा गया था जिसे बादल में लता कर दिया गया यह नाम दीनानाथ को अपने नाटक भवबंधन के एक महिला किरदार ललित से प्रेरित होकर रखे थे।
हांसिल की उपलब्धि
इनके 92 वर्ष की जीवन सफर में बहुत सारी सम्मान पुरस्कार प्राप्त की हैं। उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, बंगाल फिल्म पत्रकार संगठन पुरस्कार ,सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार, फिल्मफेयर आजीवन लब्धि पुरस्कार जैसे सम्मान हासिल की।
Lata Mangeshkar के जीवन में किये संघर्ष
उनकी उम्र जब 13 वर्ष की थी तब उनके पिता का आशामायिक मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उन्हें पैसों की किल्लत झेलनी पड़ी। जिसके बाद उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ फिर यहीं से उनके गायिका का सफर आरंभ हो गया।
सन 1942 में उन्होंने पहली फिल्म “पाहिली मंगलागौर” मैं अभिनेत्री के किरदार में भी काम की थी। उन्होंने अपना पहला गाना मराठी भाषा में फिल्म ( किती हलाल) 1942 में की थी। पुलिस सबसे बड़ा ब्रेक हिंदी फिल्म (महल )से मिला। उनका गाया हुआ गाना “आएगा आने वाला” उस वक्त की बहुत बड़ी हिट सॉन्ग हुई थी।
उन्होंने सन 1980 के बाद से फिल्मों मे में गाना, गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर ध्यान देने लगी।
इतने पुरस्कार मिले
- उन्हें कई बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया 1958, 1962 ,1965, 1969, 1993 और 1994 में उन्हें सम्मानित किया गया।
- राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें 1972, 1975 और 1990 में प्रदान किया गया।
- महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी पुरस्कृत किया गया सन 1966 और 1967 में।
- पद्म भूषण से उन्हें 1969 और 1999 में सम्मानित किया गया।
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1989 में दिया गया।
- 1993 में उन्हें फिल्म फेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।
- 1996 में स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।
- राजीव गांधी पुरस्कार सन 1997 में सम्मानित किया गया।
- एन.टी.आर पुरस्कार उन्हें 1999 में दिया गया।
- जी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार 1999 में दिया गया।
- स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार 2001 में प्रदान हुआ।
- भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न 2001 में प्रदान किया गया।
- नूरजहां पुरस्कार भी उन्हें 2001 में ही मिला।
- महाराष्ट्र पुरस्कार 2001 में मिला।
गिनीज बुक रिकॉर्ड
शायद लता जी दुनिया की पहली और आखरी ऐसी एसी गायिका होगी जिनके द्वारा सबसे अधिक गीत गाने का कीर्तिमान गिनीज बुक रिकॉर्ड में 1974 में दर्ज किया गया ।
सैनिकों के प्रति सम्मान
उन्होंने अपना 87 वां जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया था।
सैनिकों के द्वारा शहादत के सम्मान में उन्होंने अपना जन्म दिवस नहीं मनाया था।
विश्व प्रसिद्ध
दीदी को भारत के अलावा विश्व के और भी कई देशों में कई सारे नामों से जाना जाता है।
उन्हें स्वर साम्राज्ञाई, राष्ट्र की आवाज , भारत कोकिला और स्वर कोकिला जैसे गौरवशाली नाम से लोग देश दुनिया में जानते हैं।
क्षति
स्वर कोकिला जी का गुजर जाना भारत के लोगों के लिए नहीं पूरे विश्व के लिए बहुत दुखद घटना है।
इनकी मृत्यु से देश में लोग शोक में डूबे हुए हैं भारत अपना एक अनमोल रतन खोया है।
भारत ने अपना सर्वोच्च सर्वोपरि गायिका खो दी है लता मंगेशकर जी का नाम आजीवन भारत समेत दुनिया भर में याद रखा जाएगा। वो भारत की शान थी और रहेंगी।