Manrega Yojana क्या है, योजना के लिए पात्रता, आवेदन कैसे करें और योजना के लाभ

Manrega Yojana महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, जिसे सामान्यतः मनरेगा के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है.

Manrega Yojana
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Manrega Yojana का मुख्य उद्देश्य:

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को न्यायसंगत मजदूरी पर रोजगार प्रदान करना है. इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है.

इसके अलावा, मनरेगा योजना ग्रामीण आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और गरीबी को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

मनरेगा योजना के लिए पात्रता:

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले वयस्क नागरिक जो अकुशल श्रमिक हैं, वे इस योजना के लिए पात्र हैं।

पात्रता मानदंड:

आयु: 18 वर्ष से 60 वर्ष तक

निवास: ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले

व्यवसाय: अकुशल श्रमिक (जैसे: मजदूर, किसान, कारीगर, आदि)

आर्थिक स्थिति: गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले

Manrega Yojana
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अन्य पात्रता:

परिवार का सदस्य: यदि कोई परिवार का सदस्य मनरेगा के तहत काम करता है, तो शेष सदस्य भी पात्र हो सकते हैं।

विशेष श्रेणी: महिलाएं, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), विकलांग व्यक्ति, और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के सदस्य प्राथमिकता प्राप्त करते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:

प्रत्येक परिवार में अधिकतम 4 सदस्य पात्र हो सकते हैं।

यदि कोई व्यक्ति 100 दिनों का रोजगार प्राप्त करता है, तो वह अगले वित्तीय वर्ष में तब तक काम करने के लिए पात्र नहीं होगा जब तक कि गांव में अन्य सभी पात्र व्यक्तियों को काम न मिल जाए।

बेरोजगारी भत्ता उन लोगों को दिया जाता है जिन्हें 15 दिनों के भीतर काम नहीं दिया जाता है।

Manrega Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज:

आवश्यक दस्तावेज:

आधार कार्ड: यह पहचान का प्रमाण है और मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए अनिवार्य है।

आवेदन पत्र: यह एक मानक फॉर्म है जिसे ग्राम पंचायत कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है और इसमें आवेदक की सभी आवश्यक जानकारी शामिल होती है।

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पासपोर्ट आकार का फोटो: दो पासपोर्ट आकार के फोटो जमा करने होंगे।

जाति प्रमाण पत्र: यदि आप अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) से हैं, तो आपको जाति प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

भूमिहीनता प्रमाण पत्र: यदि आप भूमिहीन हैं, तो आपको भूमिहीनता प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

बैंक पासबुक: मनरेगा के तहत मजदूरी आपके बैंक खाते में सीधे जमा की जाती है, इसलिए आपको अपना बैंक खाता विवरण जमा करना होगा।

Manrega Yojana
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आय प्रमाण पत्र: यदि आप किसी अन्य सरकारी योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हैं, तो आपको आय प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

अतिरिक्त दस्तावेज (कुछ मामलों में):

शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र: यदि आप शिक्षित हैं, तो आप अपनी शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।

कौशल प्रमाण पत्र: यदि आपके पास कोई विशेष कौशल है, तो आप अपना कौशल प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।

स्वास्थ्य प्रमाण पत्र: यदि आप किसी विकलांगता से पीड़ित हैं, तो आपको स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

मनरेगा योजना के फायदे:

रोजगार:

मनरेगा योजना का सबसे बड़ा फायदा है ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन। इस योजना के तहत, हर ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिन का काम मिलता है। इससे ग्रामीणों की आय बढ़ती है और उनकी जीवन स्तर में सुधार होता है।

गरीबी उन्मूलन:

मनरेगा योजना गरीबी उन्मूलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब लोगों को रोजगार मिलता है, तो वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर पाते हैं और गरीबी से बाहर निकल पाते हैं।

सामाजिक सुरक्षा:

मनरेगा योजना ग्रामीणों को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करती है। इस योजना के तहत, उन्हें न्यूनतम मजदूरी मिलती है, भले ही काम की उपलब्धता कम हो।

ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास:

मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यों से ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास होता है। सड़कों, नहरों, तालाबों और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण से ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार होता है।

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महिला सशक्तिकरण:

मनरेगा योजना महिला सशक्तिकरण में भी योगदान करती है। इस योजना के तहत, महिलाओं को भी पुरुषों के समान काम और मजदूरी मिलती है। इससे महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

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Manrega Yojana की आर्थिक सहायता क्या है:

मनरेगा योजना में मिलने वाली आर्थिक सहायता:

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत, ग्रामीण भारत में रहने वाले गरीब और बेरोजगार लोगों को रोजगार और आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। यह योजना निम्नलिखित प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान करती है:

1. मजदूरी: मनरेगा के तहत, श्रमिकों को उनके द्वारा किए गए कार्य के आधार पर न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है। मजदूरी दरें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं और वे समय-समय पर संशोधित होती हैं। 2024 में, मनरेगा में मजदूरी की राष्ट्रीय न्यूनतम दर ₹293 प्रति दिन है।

2. बेरोजगारी भत्ता: यदि किसी भी कारण से मनरेगा के तहत काम उपलब्ध नहीं होता है, तो पात्र व्यक्तियों को 15 दिनों तक बेरोज़गारी भत्ता मिल सकता है।

3. मातृत्व लाभ: गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पहले और बाद में 60 दिनों तक मातृत्व लाभ मिलता है।

4. विकलांग व्यक्तियों के लिए लाभ: विकलांग व्यक्तियों को न्यूनतम मजदूरी का 50% अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।

5. बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए हल्के काम: बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए, मनरेगा हल्के काम के अवसर प्रदान करता है, जिनके लिए उन्हें कम मजदूरी का भुगतान किया जाता है।

6. आवास सहायता: मनरेगा के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है।

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मनरेगा योजना (Manrega Yojana) के लिए आवेदन कैसे करें:

आवेदन प्रक्रिया:

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ऑफलाइन:

1. अपने गांव के ग्राम पंचायत कार्यालय में जाएं।

2. मनरेगा जॉब कार्ड आवेदन पत्र प्राप्त करें।

3. फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरें।

4. सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें।

5. फॉर्म को जमा करें और जमा पावती प्राप्त करें।

ऑनलाइन:

1. मनरेगा पोर्टल (https://nrega.nic.in/) पर जाएं।

2. “नया आवेदन” बटन पर क्लिक करें।

3. इसमें ज़रूरी जानकारी फिल करें फिर उसके बाद दस्तावेज को अपलोड कर दें।

4. फॉर्म जमा करें और जमा पावती प्रिंट करें।

Conclusion: Manrega Yojana

मनरेगा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करना है। यह योजना 2005 में लागू की गई थी और तब से इसने लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

FAQ:

1. मनरेगा कार्यक्रम (Manrega Yojana) की शुरुआत कब हुई?

Ans: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MREGA) की शुरुआत 25 अगस्त 2005 को विधान द्वारा की गई थी. इसे प्रारम्भिक रूप में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्तूबर 2009 को इसका पुनः नामकरण किया गया. यह योजना पूरे भारत में 1 अप्रैल 2008 से लागू हुई.

2. मनरेगा का पुराना नाम क्या है?

Ans: मनरेगा का पुराना नाम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) था. इसे 2 अक्तूबर 2009 को राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी के नाम को इस योजना के नाम के आगे जोड़ने के लिए नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) कर दिया गया.

3. मनरेगा का फुल फॉर्म क्या है?

Ans: मनरेगा की फुल फॉर्म है ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) जिसे अंग्रेजी में Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA) कहा जाता है।

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